Why should we know about Tax collection & recovery ?
Posted byaskbylaw_admin on January 1, 2021
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टेक्स कलेक्शन एट सोर्सेस(टी.सी.एस.) किसको कहते हे ? Who is called Tax Collection at Source (T.C.S.)?
वर्णन
जो करदाता की टेक्स कलेक्शन एट सोर्सेस याने ( टी.सी.एस) की जिम्मेदारी दी गई हे ऐसे करदाता को टेक्स कलेक्शन एट सोर्सेस याने ( टी.सी.एस) की रकम गुड्स की बिक्री कीमत, जी.एस.टी. आदि के अतिरिक्त जीतनी होगी। Definition Tax collection & recovery-The taxpayer who has been given the responsibility of the Tax Collection at Sources i.e. (T.C.S.), the tax collection amount of the Tax Collection at Sources i.e. (T.C.S.), the sale price of goods, G.S.T. You have to win in addition to etc.
कारोबार
जो करदाताका चालू वित्तीय वर्ष के आगेके वित्तीय वर्षमें उनके कारोबार की कुल बिक्री रूपये १० करोड़से ज्यादा हे तो ऐ करदाताकी चालू वित्तीय वर्षमे टेक्स कलेक्शन एट सोर्सेस याने ( टी.सी.एस) जुटानेकी जिम्मेदारी रहेगी। ये प्रावधान के मुताबिक जिस करदाताका चालू वित्तीय वर्षमें टोटल बिक्री रूपये १० करोड़ से कम टर्नओवर हे तो ऐसे करदाता की चालू वित्तीय वर्षमे टेक्स कलेक्शन एट सोर्सेस याने ( टी.सी.एस) जुटानेकी जिम्मेदारी नहीं रहेगी। Turnover-Tax collection & recovery If the total sales of the business of the taxpayer in the financial year ahead of the current financial year is more than 10 crores, then the taxpayer will have the responsibility to raise the Tax Collection at Sources (T.C.S.) in the current financial year. According to this provision, the taxpayer who has a turnover of less than Rs 10 crore in the current financial year, will not have the responsibility to raise tax collection at sources (T.C.S.) in the current financial year.
बिक्री विवरण
जो करदाताने निर्यात किये हुए माल, मानवीय उपयोग के लिए बनी शराब, लकड़ा, अन्य जंगल के उत्पादन, मलबे, कोयला, लिग्नाइट या कच्चा लोहा रूपये दस लाख से ज्यादा कीमत की मोटरकार के आलावा सभी प्रकारके माल की बिक्री को टेक्स कलेक्शन एट सोर्सेस याने ( टी.सी.एस) लागु होता हे। Sales details-Tax collection & recovery The tax collection which is the sale of goods exported for human use, liquor, wood, other forest product, debris, coal, lignite or cast iron for all types of goods other than motor car worth more than one million rupees. Tax collect at sources (T.C.S.) is applicable.
जमीन और मकान
माल की व्याख्यामे मिल्कतका समावेश नहीं होने के कारण जमीन या मकान की बिक्री के समय टी.सी.एस. जुटानेकी जिम्मेदारी उत्पन्न नहीं होती, इसीलिए जमीन या मकान या फ्लेट आदि का धंधा करनेवाले करदाताको टेक्स कलेक्शन एट सोर्सेस याने ( टी.सी.एस) जुटाना नहीं होता। Land or House T.C.S. at the time of sale of land or house due to non-inclusion in the interpretation of goods. The responsibility of raising does not arise, hence the taxpayer who trades land or house or flat etc. Does not have to be raised
बिक्री और टी.डी .एस.
जब माल खरीदते वक्त खरीदारकी टी.डी .एस. काटनेकी जिम्मेदारी हो और ऐसी कटाई उन्होंने की हो तो माल बिक्री कर रहे व्यापारी बिक्रीकी कीमत लेते समय टी.सी.एस. जुटानेके लिए जिम्मेदार नहीं बनते. Sales and T.D.S. The buyer's TDS when buying goods Have the responsibility of cutting When they have already harvested, the merchants selling the goods, while taking the price of the sale, TCS. Do not become responsible for raising.
वित्तीय स्वीकृति
जब कोई एक वित्तीय वर्षमे करदाताने कोई एक खरीदारी करनेवाले के पाससे बिक्री की कीमत के तौरपे एडवांस ५० लाख रूपये वसूल किये हो तो करदाता की खरीदारी करनेवाले ख़रीदारसे टी.सी.एस. जुटानेकी जिम्मेदारी बनती हे। कोई एक साल कोई एक खरीदार के पासे ली हुई बिक्री की एडवांस रकम टोटल बिक्री की किम्मत तय करते वक्त गिनी जाएगी। Financial acceptance When a taxpayer in one financial year has recovered Rs 50 lakh in advance from the sale price of the buyer, TCS from the taxpayer's buyer. It becomes the responsibility to raise. For one year, the advance amount of the sale due to a buyer will be counted while deciding the total sale.
लागु तारीख की असर
टी.सी.एस.के प्रावधान तारीख ०१/१०/२०२० से लागु होते हे, कोई करदाताने तारीख ०१/०४/२०२० से तारीख ३०/०९/२०२० के समयमे कोई खरीदारी करनेवालेसे वित्तीय स्वीकृतिकी एडवांस रकम ५० लाखसे ज्यादा रकम पर जुटाई की हो तो भी टी.सी.एस. के तोर पे जुटाई नहीं कर सकते। लेकिन चालू वित्तीय वर्ष २०२०-२०२१ में कोई एक खादर के पास से बिक्री की स्वीकृति की तोर-पे कितनी रकम मिली हे वो तय करते वक्त तारीख ०१/०४/२०२० से तारीख ३०/०९/२०२० तक जो वसूली की गयी हे उसकी केल्क्युलेशन करना जरुरी हे। Effect of date applied The provisions of TCS are applicable from date 01/10/2020, any taxation date from 01/04/2020 to date 30/09/2020 to raise the financial acceptance advance amount from a buyer to more than Rs. 50 lakhs. Even if TCS Can not gather on the way. But in the current financial year 2020-2021, the calculation of what has been made from the date 01/04/2020 till date 30/09/2020, while deciding the amount received for the sale of acceptance from one of the purchaser. It is necessary to do.
पेशगी कीमत
टी.सी.एस की जुटाई निर्दिष्ट किये गए दरो में से कोई एक वित्तीय वर्षमें कोई खरदीदार के पाससे मिले ५० लाख से ज्यादा बिक्री की कीमत की एडवांस रकम के ऊपर ही करनी होगी. कोई एक ख़रीदारने वित्तीय वर्षमें खरीदार के पाससे बिक्री की कीमत पर लिए प्रथम एडवांस पर कोई टी.सी.एस. जुटाना नहीं होगा। Price of Advance TCS will have to be raised at one of the specified rates in a financial year, more than 50 lakhs sold from a purchaser, above the advance price of the sale price. One TCS on the first advance taken by the buyer in the financial year at the cost of sale from the buyer. Will not raise.
टी.सी.एस. और जी.एस.टी.
कोई करदाता फिनान्सिअल ईयरमें कोई एक ख़रीदार के पाससे कितनी रकम बिक्री के तोर-पे ऐडवांस रकम ली हे ये तय करते वक्त माल की बिक्री की रकम और जी.एस.टी. जैसे इंदिरेक्ट टेक्स का टोटल भी ध्यानमें रखना अनिवार्य हे। T.C.S. and G.S.T. The amount of sale of goods and is decided by a taxpayer in financial year when deciding how much amount has to be paid from one buyer to the next for sale. Like the total of Indirect Tax G.S.T. is also important to keep in mind.
किम्मत
ये ध्यानमे रखना जरुरी हे की टी.सी.एस. जुटानेकी जिम्मेदारी का आधार कोई एक वित्तीय वर्षमें कोई एक खरीदार के पाससे बिक्री के तोर-पे कितनी रकम ली हे ये होनेसे करदाताने कितनी किम्मत का माल बेचा हे वो हकीकत ध्यानमे लेनी नहीं हे। Price It is important to keep in mind that T.C.S. The basis of the responsibility of raising is not to take into account the reality of how much quality goods have been sold by a buyer due to the amount of money taken from one buyer in one financial year.
टेक्स परसेंटेज
टी.सी.एस.की जुटाई की तारीख ०१/१०/२०२० से तारीख ३१/०३/२०२१ तक के दरम्यान ५० लाख से ज्यादा वसूल किये बिक्री के एडवांस पर ०. ०७५ पर्सेंटेज और उसकेबाद के पीरियड पर ०. १ परसेंटेज से करनी पड़ेगी. लेकिन खरीदार के पास पि.ऐ. नंबर या आधार नंबर न हो तो टी.सी.एस. की जुटाई १ परसेंटेज से करनी होगी। Tax percentage T.C.S. has been collected from date 01/01/2020 till date 31/03/2021 on sale of more than Rs 50 lakhs in advance. 0.075% and then on period. Will have to be done with 1 percent. But the buyer has a P.A. or Aadhaar number is not there, T.C.S. Must be collected from 1 percent.
गवर्नमेंट और सेमी-गवर्नमेंट
केंद्र सरकार या राज्य सरकार या स्थानिक स्वराज्य संस्थाए, परदेससे माल आयात करनेवाली संस्थाए आदि का समावेश ख़रीदारकी व्याख्यामे नहीं होता हे तो उनको बेचे हुए माल पर मिले बिक्री पेशगी पर टी.सी.एस. जुटानेकी जिम्मेदारी नहीं बनती हे। Government and Semi-government The inclusion of the central government or state government or local self-government institutions, goods importing entities from foreign countries, etc. is not in the buyer's interpretation, then T.C.S. on the sale proceeds received on the goods sold to them. It is not a responsibility to raise.
स्टॉक एक्चेंज
टी.सी.एस. ऊपर बताई गए प्रावधान मान्य स्टॉक-एक्सचेंज के द्वारा किये गए सिक्योरिटीज और कमोडिटीज सबंधित व्यवहारों और मान्य क्लियरिंग कारपोरेशन और मान्य स्टॉक-एक्सचेंज आदि द्वारा सम्पूर्ण किये गए व्यवहारोंको लागु नहीं होती. Stock-exchange T.C.S. The provisions mentioned above do not apply to the securities and commodities related transactions done by the valid stock-exchange and the transactions done by the valid clearing corporation and the valid stock-exchange etc.
कसूर और ब्याज
करदाताने जुटाई हुई टी.सी.एस.की रकम जो महिनेमे टी.सी.एस.जुटाया गया हो वो महीना पूरा होने पर उसके बाद के महीने की ७ तारीख तक सरकारमे जमा करनी पड़ेगी. टी.सी.एस.कम जुटाया या नहीं जुटाया, तो टी.सी.एस.की रकम सरकारमे जमा नहीं करने की गलती पर प्रति महीना या उतने भाग के लिए १% के हिसाबसे ब्याज देनेकी जिम्मेदारी उत्पन्न हो सकती हे। Mistake and interest The amount of T.C.S. raised by the taxpayer, which was collected in the month of T.C.S., will have to be deposited in the government by the 7th of the month after completion of the month. If the T.C.S. is raised or not raised, then the responsibility of paying interest at the rate of 1% per month or part thereof may arise for the mistake of not depositing the T.C.S. amount with the government.
रिटर्न फाइलिंग
टी.सी.एस. का रिटर्न क्वार्टरली १५ जुलाई, १५ अक्टुंबर , १५ जनवरी और १५ मई के दिन फॉर्म नंबर २६ इक्यू में भरना पड़ेगा। रिटर्न न भरा या फिर रिटर्न लेट भरा तो कम से कम१०,०००/- रूपये और जायदा से ज्यादा १,००,०००/- रूपये की पेनल्टी की जिम्मेदारी उत्पन्न हो सकती हे। Filing return T.C.S. The return quarterly of 15 July, 15 October, 15 January and 15 May will have to be filled in Form No. 26 IQ. If the return is not filled or the return is late then at least Rs 10,000 / - and more than Rs 100,000 / - penalty can be charged.
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