टैक्स रिफंड (TAX REFUND) के मामलेमे गुजरात हाईकोर्टने करदाता के साथ किया वास्तविक न्याय

Posted byaskbylaw_admin on August 12, 2020 
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TAX REFUND

Tax refund-करदाता के लिए टैक्स रिफंड टाइम पर मिलना एक बहुत बड़ी और अच्छी बात होती हे, वो करदाता चाहे ब्यापारी हो, व्यक्तिगत हो या कोई कंपनी हो, या फिर कोई ऍन.जी.औ. हो, टैक्स रिफंड के लिए ज्यादातर करदाता टाइम पर अपना रिटर्न फाइलिंग कर देते हे ताकि टैक्स रिफंड से आनेवाली रकम का कोई हेतुपूर्ण उपयोग कर सके। लेकिन कभी-कभी करदाता को किसी कारण टैक्स रिफंड टाइम पर जमा नहीं मिलता तब उनकी परिस्थिति विकट हो जाती हे और टैक्स रिफंड अथॉरिटी और सिस्टम के प्रति अपनी नाराजगी और सबमिशन करने के बाद भी जब टैक्स रिफंड नहीं मिलता तब करदाता की स्थिति देखने लायक जाती हे। करदाता को औथोरिटी और सिस्टम के विरुद्ध अपना रिफंड पानेके लिए कानूनी संघर्ष करना पड़ता हे और कानूनी संघर्ष में अधिकार प्राप्त करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खट-खटाना पड़ता हे, ऐसी ही एक टैक्स रिफंडकी समस्या में नामदार गुजरात हाईकोर्ट ने करदाता को सच्चा न्याय देकर करदाता के टैक्स रिफंड को तुरंत ब्याज के साथ देने का निर्णय किया हे और टैक्स रिफंड डिपार्टमेंट को दंडीत किया गया हे। ये केस की पूरी डिटेल यहाँ में आपके साथ विस्तारसे डिसकस करता हु।

UNPAID REFUND

DUE CLAIM

Tax refund-मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लिमिटेडने सेंट्रल एक्साइज ऐंड सर्विस टैक्स डिपार्टमेंटमें टैक्स रिफंड पानेके लिए क्लेम किया था लेकिन कुछ वजहसे सेंट्रल एक्साइज ऐंड सर्विस टैक्स डिपार्टमेंटने मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लीमिटेड का रिफंड का क्लेम नहीं दिया था, उसके बाद मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लिमिटेडने सेंट्रल एक्साइज ऐंड सर्विस टैक्स ट्रिब्यूनल में टैक्स रिफंड प्राप्त करने हेतु न्याय की दरख्वास्त की थी, सेंट्रल एक्साइज ऐंड सर्विस टैक्स ट्रिब्यूनलने भी करदाता को टैक्स रिफंड देने का हुकम किया, उसके बावजूद भी सेंट्रल एक्साइज ऐंड सर्विस टैक्स डिपार्टमेंटने करदाता मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लिमिटेड को टैक्स रिफंड दिया नहीं था। तब मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लिमिटेडने टैक्स रिफंड प्राप्त करने हेतु नामदार गुजरात हाईकोर्ट का सहारा लिया।

FIRST APPELLATE AUTHORITY

Tax refund-मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लिमिटेडने सेंट्रल एक्साइज ऐंड सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट की विरुद्धमे नामदार गुजरात हाईकोर्टमे केस नंबर ८२२५/२०२० दाखिल किया
ये केस की हकीकत इस प्रकार थी। सेंट्रल एक्साइज ऐंड सर्विस टैक्स ट्रिब्यूनलने करदाता मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लिमिटेड की अपील तारीख ०९-०५-२०१९ को रूपये ३.६ करोड़ के रिफंड को ब्याज के साथ देनेका हुकम करके अपिलको ऐलाव किया था। लेकिन सेंट्रल एक्साइज ऐंड सर्विस टैक्स ट्रिब्यूनल के आदेश के बावजूदभी असिस्टेंट कमिशनरने रिफंड मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लिमिटेडको देनेके बदले रिफंड की रकमको कंस्यूमर वेलफेर फंड में जमा करनेका आदेश दिया।

LEGAL CLAIM

असिस्टेंट कमिशनरने किये आदेश के विरुद्ध मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लिमिटेडने सेंट्रल एक्साइज ऐंड सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट के विरुद्ध अपील असिस्टेंट कमिश्नर को केस रिमांड किया। उसके बादभी असिस्टेंट कमिशनरने मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लिमिटेड को रिफंड की रकम कई महीनो तक क्रेडिट नहीं दी इसी कारण मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लिमिटेडने नामदार गुजरात हाईकोर्टमे केस दाखिल किया।

LEGAL CLAIM

नामदार गुजरात हाईकोर्टने ये ऑब्ज़र्व किया और वाकिफ हुए और डिपार्टमेंट के कॉउन्सिलने बताया की डिपार्टमेंटने आर्डर के विरुद्ध अपील दाखिल की हे इसी वजह से रिफंड नहीं दिया गया हे तब नामदार गुजरात हाईकोर्टने डिपार्टमेंट के कॉउन्सिलको कहा की उनका बचाव हर हाल में मंजूर नहीं किया जा सकता हे और हम जान गए हे की असिस्टेंट कमिशनरने कायदे के बाहर जाकर मेसर्स कॉपर रोड प्राइवेट लिमिटेडको टैक्स रिफंड चुकाया नहीं हे। ट्रिब्यूनलने बताया तो हे की करदाता रिफंड प्राप्त करने के लिए समर्थ हे फिरभी करदाता को रिफंड की रकम देने के बदले डिपार्टमेंट अपील करनेवाला हे ऐसी बेवजह बात के आधार पर रिफंड की रकम कंस्यूमर वेलफेर फंड में जमा दे दी जाती हे जब की कंस्यूमर वेलफेर फंडमें रिफंड की रकम जमा रखनेका कोई कानूनी कारण नहीं हे। करदाता एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हे और उनको फण्ड की जरुरत हे कमिश्नर- अपील्सने हुकम के बावजूदभी आजतक करदाता को रिफंड नहीं दिया गया हे। हमारे ओपिनियन के अनुसार करदाता को रिफंड नहीं देनेका निर्णय कोई कानूनी न्याय नहीं हे।

DELAY IN CLAIM SETTLEMENT

नामदार गुजरात हाईकोर्टने और कहा की रिफंड नहीं देने का आर्डर करनेवाले असिस्टेंट कमिश्नरको हम यहाँ प्रस्तुत देखना चाहते हे लेकिन डिपार्टमेंट के कॉउन्सिल के आग्रहसे रिफंड की पूरी रकम २४ घंटेमें करदाताको भुगतान करने के लिए गारंटी देते हे लेकिन करदाता को रिफंड देते नहीं हे नामदार गुजरात हाईकोर्टने अपना फैसला सुनाते हुए कहा की डिपार्टमेंटने रिफंड की रकम कंस्यूमर वेलफेर फंडमें जिस दिन से जमा की हे उसी दिन से ६% ब्याज के साथ और उनसे बाद एक्चुअल भुक्तान की तारीख तक १८% ब्याज प्राप्त करने के लिए करदाता हकदार बनता हे, और एडिशिनल ब्याज डिपार्टमेंट इन्क्वायरी के बाद जो-जो अधिकारी रिफंड की रकम भुक्तान नहीं करने हेतु दोषित हे उनके पाससे वसूल करने का हुकम करते हे तो करदाता रूपये १,००,०००/- की कोस्ट प्राप्त करने के लिए हक़दार हे और ये रकम भी गलती करनेवाले अधिकारीके पाससे वसूल करनेका हुकम नामदार गुजरात हाईकोर्टने फ़रमाया।

LEGAL REMEDY

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Read more-https://www.incometaxindia.gov.in/Pages/tax-services/status-of-tax-refund.aspx

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