उपभोक्ताओं के लिए नया कानून-Consumer law-2019

Posted byaskbylaw_admin on July 20, 2020 
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Consumer law

Introduction-Consumer law

Consumer law भारत भारत सरकारने आज से नया उपभोक्ता कानून २०१९ लागु कर दिया हे, यह नए कानून में देशमें पैदा हुई नई परिस्थितिओको शामिल कर दिया हे। नए उपभोक्ता कानून २०१९से उपभोक्ताओंको कुछ नए अधिकार दिए गए हे, जिससे उपभोक्ता खरीदारी में समझदारी कर सकेगा और बहेतर क्वालिटी की प्रोडकट की सेवाए प्राप्त कर सकेगा। पुराने उपभोकता कानून में जिन जिन बातो को शामिल नहीं किया था उन बातो को नए उपभोक्ता कानून २०१९ में संमेलित कर दिया गया हे, आओ जाने नए उपभोक्ता कानून में क्या-क्या नए प्रावधान किये गए हे।

१. नए क़ानूनसे उपभोक्ताओं को प्रोडक्ट खरीदने के लिए लालच देकर और गलत बाते बताकर प्रोडक्ट बेचनेवाले सेक्टर या ब्यापारी के विरुद्ध उपभोक्ता कानूनी प्रक्रिया कर सकता हे।


पुराने उपभोक्ता कानून में यह प्रावधान नहीं था की कोई सर्विस प्रोवाइडर या प्रोडक्ट बेचनेवाला उपभोक्ताको प्रोडक्ट खरीदने के लिए प्रभावी सेलिब्रिटी के पास अपनी डिफेक्टिव प्रोडक्ट या सर्विस के बारेमे गलत बाते बताकर विज्ञापन द्वारा प्रचार करवाता था, वो प्रोडक्ट या सर्विस में कोई डिफेक्ट या खामी होती थी तो उपभोक्ता ऐसी डिफेक्टिव प्रोडक्ट या सर्विस के विरुद्ध कोई एक्शन नहीं ले सकता था।

Product Marketing-Consumer law

नए कानून में यह प्रावधान किया गया हे की कोई सर्विस या प्रोडक्ट प्रोवाइडर प्रभावी सेलेब्रिटी से गलत बाते बताकर उसकी डिफेक्टिव प्रोडक्ट या सर्विसकी मार्केटिंग करवाता हे और ऐसी डिफेक्टिव प्रोडक्ट या सर्विस से उपभोक्ता को कोई नुकसान या हानि होती हे तो उपभोक्ता ऐसी प्रोडक्ट या सर्विस प्रोवाइडर और डिफेक्टिव प्रोडक्ट या सर्विस की मार्केटिंग मार्केटिंग करनेवाली प्रभावी सेलेब्रिटी के विरुद्ध कानुनी प्रक्रिया दाखिल कर सकता हे।

२. नए उपभोक्ता कानून २०१९ में इ-कोमर्स/टेलीशॉपिंग सर्विस या प्रोडक्ट प्रोवाइडर्स को भी शामिल किया गया हे।


नए उपभोक्ता कानून २०१९ में इ-कोमर्स/टेलीशॉपिंग सर्विस या प्रोडक्ट प्रोवाइडर्स को भी शामिल किया गया हे, इ-कोमर्स/टेलीशॉपिंग सर्विस या प्रोडक्ट प्रोवाइडर्स याने की जो ब्यापारी या कंपनी ऑनलाइन अपना प्रोडक्ट या सर्विस बेचती हे वो सभी कम्पनीओ का समावेश नए उपभोक्ता कानून २०१९ में किया गया हे।

इ-कोमर्स/टेलीशॉपिंग के सभी सर्विस या प्रोडक्ट प्रोवाइडर्स की प्रोडक्ट या सर्विस में कोई डिफेक्ट या खराबी हे तो ऐसे इ-कोमर्स/टेलीशॉपिंग सर्विस या प्रोडक्ट प्रोवाइडर के विरुद्ध उपभोक्ता अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल कर सकता हे।

३. खाने-पीनेकी प्रोडक्ट बेचनेवाली या सर्विस प्रोवाइड करनेवाले प्रोवाइडर को भी नए उपभोक्ता कानून २०१९ में शामिल किया गया हे।


हमारे यहाँ खाने-पीनेकी चीज बहुत बिकती हे, इसी बात का फायदा उठाकर खाने-पीनेकी प्रोडक्ट बेचनेवाले या सर्विस प्रोवाइडर फ़ूड सेफ्टी कानून की ऊपेक्षा करके उपभोक्ता के स्वास्थ्य को नुकसान हो या तंदुरस्ती पर असर हो ऐसी प्रोडक्ट बनाकर खुद बेचते या सर्विस प्रोवाइडर थ्रु उपभोक्ता को बेचते हे।

अपने निजी लाभ के लिए उपभोक्ता के स्वास्थ्य को नुकसान पहुचनेवाले या तंदुरस्ती पर ख़राब असर करनेवाली खाने पीने की प्रोडक्ट खुद बेचनेवाले या सर्विस प्रोवाइडर थ्रू बेचनेवाले या कम्पनी की विरुद्धमे उपभोक्ता नए उपभोक्ता कानूनी अधिकार २०१९ का उपयोग कर सकता हे।

४. उपभोक्ता मिडिएशन सेल की स्थापना से प्रोवाइडर और उपभोक्ता दोनों आपसे सम्मति से सहभागी हो सकते हे।


किसी प्रोडक्ट या सर्विस की डिफेक्ट या कसर के लिए प्रोवाइडर या उपभोक्ता के बीच मन-मोटाव हुआ हो तो अगर उपभोक्ता और प्रोवाइडर चाहे तो उनका मसला नए उपभोक्ता कानून २०१९ के तहत दोनों आपसी सम्मति से "उपभोक्ता मीडिएशन सेल" की मदद लेकर सुलझा सकते हे।

५. पीआईएल याने की जनहित याचिका कंस्यूमर फोरम में दाखिल कर सकते हे।


पुराने उपभोक्ता कानून में पीआईएल याने की जनहित याचिका दाखिल करने के लिए उपभोक्ता को हाईकोर्ट में जाना पड़ता था ।

लेकिन अब नए उपभोक्ता कानून २०१९ में यह प्रावधान किया गया हे की कंस्यूमर फोरम में किसी प्रोडक्ट या सर्विस मुद्दे पर पीआईएल याने की जनहित याचिका दाखिल करना चाहते हे तो कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करके कंस्यूमर फ़ोरम में पीआईएल याने की जनहित याचिका दाखिल कर सकते हे।

६. आर्थिक हकूमत में बदलाव किया गया हे।


नए उपभोक्ता कानून-२०१९ में यह प्रावधान किया गया हे की कंस्यूमर फोरम में अब १ करोड़ रूपये तक के केस दाखिल कर सकते हे ।

स्टेट कंस्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमिशनमें १० करोड़ रूपये तकके केस दाखिल हो सकते हे ।

और नॅशनल कंस्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमिशनमें १० करोड़ रूपये से ज्यादा रकमके केस दाखिल हो सकते हे।

७. उपभोक्ता जहा रहता हे वह विस्तार की कंस्यूमर फ़ोरम में केस दाखिल कर सकता हे।


पुराने कानूनमें प्रावधानथा की उपभोक्ता अपनी कम्पलेइन कंंपनीका जूरिस्डिक्शन जहा होता था वह जाकर कम्पलेइन दाखिल करनी पड़ती थी ।
लेकिन उपभोक्ता कानून २०१९में प्रावधान किया गया हे की उपभोक्ता जहा रहता हो वहां कोन्सुमर फोरममें दाखिल कर सकता हे।

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VIREN S. DAVE Attorney Viren Dave Globe is a legal services Provider online. Viren Dave is the founder and Main partner of a law firm called Attorney Askbylaw Associates. He specializes in enhancing engagement and user peace of mind by helping troubleshoot user legal queries. And, starting his career as a lawyer, he supports solving many legal issues in civil, criminal, property, consumer, family, corporate and other law. You can find him on his blog

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