GST And Trust-GST का कानून गवर्नमेंट ने लागू किया हे, शायद कोई ऐसी व्यक्ति नहीं जिसे GST लागु नहीं होता। शायद कोई ऐसी व्यक्ति नहीं हे जिसको GST का रजिस्ट्रेशन नंबर लिया नहीं हो। GST के दायरे से कोई बच नहीं पाया हे, GST का सेक्शन २३ जानते हे तो ऐसा लगता हे की किन-किन व्यक्ति को अप्लाई करने की जरुरत नहीं। ये सब जानने के बाद कन्फूजन पैदा होता हे की क्या पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट याने के ऍन.जी.ओ. को GST का रजिस्ट्रेसन करवाने की जरुरत हे भी या नहीं? क्या पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट को GST देना पड़ता हे। ये कन्फूजन के बारेमे GST के कानून में दी गयी डेफिनेशन और उनके रिलेटेड सेन्ट्रल टैक्स रेट का नोटिफिकेशन नंबर १२/२०१७ और सेक्शन २३ को साथ में जानना आवश्यक हे।
सेक्सन २(८४)-
GST के कानून की सेक्सन २(८४) में व्यक्ति किसे कहते हे उस्की व्याख्या की गई हे, GST की जो व्याख्या की गई हे उसमें पब्लिक ट्रस्ट का समावेश किया गया हे।
सेक्सन २ (१७)
सेक्सन २ (१७) में ब्यापार की डेफिनेशन की गयी हे।
सेक्सन २(१७) को जानने के बाद हे तय होता हे की हर कोई ऐसा कार्य जो प्रॉफिट कमाने या फायदा नहीं करने हेतु किया गया हो, ऐसे कार्यों को भी ब्यापार माना जायेगा। ये डेफिनेसनसे अगर कोई व्यक्ति फिनांसियल बेनिफिट के लिए काम नहीं करता हो तो भी वह GST के ब्यापार के दायरेमें आ जाता हे
GST नोटिफिकेशन नंबर १२/२०१७ तारीख:- २८/०६/२०१७ सेन्ट्रल टैक्स रेट
गवर्नमेंटने ऊपर बताया गया नोटिफिकेशन पब्लिश किया गया हे, नोटिफिकेशन के अनुक्रम १ में जो बताया गया हे उसके मुताबिक हर कोई इंस्टीट्यूट जो इनकम टैक्स कानून की सेक्सन १२ऐऐ में रजिस्टर हुआ हे वो चैरिटेबल एक्टिविटी सेवाएँ देता हो तो ऐसे सप्लायर पर GST नहीं लगेगा, ये नोटिफिकेशन में "सेवा" डेफिनेशन दी गयी हे और यहाँ नीचे बताई गयी सेवाओं के लिए GST के कानून में मुक्ति दी गयी हे।
१. पब्लिक हेल्थ सेवाए :-
(A) जानलेवा बीमार व्यक्ति, फिजिकल या मानसिकं गंभीर अपंगता, HIV या AIDS पीड़ित व्यक्ति, या व्यसनी इंसान की रखरखाव, परामर्श की सेवाए।
(B) निवारक स्वास्थय, फेमिली प्लानिंग, या HIV संक्रमण रोकने के लिए जन जाग्रति की सेवाए।
(ii) धर्म, आध्यात्मिकता या योग के एडवांसमेन्ट की सेवाए
(iii) छोड़े हुए, अनाथ या बेघर बच्चोके लिए या शारीरिक या मानसिक त्राससे पीड़ित और आघातजनक इंसान के लिए, या कैदिओ के लिए, और गांव में रहते ६५ सालसे उपरकी उम्र के लोग, एजुकेसन प्रोग्राम, या फिर स्किल डेवलोपमेन्ट रिलेटेड सेवाए चैरिटेबल एक्टिविटी गिनी जाएगी।
(iv) पर्यावरण सहित वॉटरशेड, जंगल और जंगलजीवन को संरक्षित करनेवाली सेवाए चैरिटेबल एक्टिविटी गिनी जाएगी।
इसतरह जब कोई ट्रस्ट कोई वस्तु की सप्लाय करता हे तो ऐसे ट्रस्ट को मुक्ति नहीं दी गयी हे और उनको रजिस्ट्रेशन करवाकर GST भरना पड़ेगा जब सप्लाय की रकम २० लाख रूपये से ज्यादा होती हे। ये प्रावधान में अमेंडमेंट करने की जरुरत हे जब GST के पहले वेट का कानून था तब वैट तब वेट के कानून में डीलर की डेफिनेशन में से चैरिटेबल ट्रस्ट को इन्क्लूड नहीं किया गया था।
नामदार गुजरात हाईकोर्ट के टैक्स अपील नंबर १६७३/२००९ (भाईलाल अमिन जनरल हॉस्पिटल ) के जजमेंट मे दिए गए सुझाव को भी अप्लाई करना जरुरी हे।
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