Correction berth certificate हमारे यहाँ जन्म रजिस्टर करवाना जरुरी और अनिवार्य हो गया हे। बच्चे के जन्म की रजिस्ट्री करवा लेनेसे हमें कई लाभ मिलते हे जैसेकि बच्चे को स्कूलमे दाखिल करने के लिए
(२) बच्चेके नए पासपोर्ट के लिए
(३) स्कॉलरशिप के लिए
(४) विवाह के लिए
(५) बच्चेकी आयु बताने के लिए
(६) वंशगत संपत्ति के अधिकार और समाधान के लिए
(७) कोईभी सरकारी लाभ पाने के लिए बच्चेका जन्म प्रमाणपत्र अनिवार्य हे।
कभी-कभी बच्चेके जन्म के दाख़िलेमे कुछ प्रकारकी क्षति और गलती हो गई होती हे जिसके कारण बच्चेके कोई लाभ मिल नहीं पाता या फिर ऐसा लाभ प्राप्त होने से रुक जाता हे।
इसीलिए बच्चेके जन्म प्रमाणपत्रमे अगर कोई क्षति या विसंगतता हो तो तुरंत ही उसे ठीक करवाए। बच्चेके जन्म प्रमाणपत्रमे हुई क्षति या गलती को सुधार करने हेतु आपको जन्म-मरण अधिकारी के पास जाना होगा।
जन्म-मरण अधिकारी के पास जाकर कुछ जरुरी प्रक्रिया पूरी करके आपको क्षति या गलती रहित बच्चेका नया जन्म प्रमाणपत्र इस्यु कर देते हे।
लेकिन, कई किस्सोमे जन्म-मरण अधिकारीके पास जाकर जरुरी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद भी कुछ कारण व्यक्तिको उनके बच्चे के जन्म प्रमाणप्रत्रमे क्षति या गलती का सुधार नहीं कर देते हे तब आप बड़ी टेन्सनमें आ जाते हो।
और आपको लगता हे की आपके बच्चे का कोई लाभ या प्रोग्रेस रुक जायेगा।
जन्म-प्रमाणपत्रमें क्षति या फिर कोई गलती को सुधार कर नया जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करना आपका कानूनी अधिकार हे और यह अधिकार का उपभोग करनेसे आपको कोई नहीं रोक सकता।
अगर जन्म-मरण अधिकारी आपके बच्चेके जन्म-प्रमाणपत्रमें क्षति या फिर कोई गलती के सुधार करनेसे मना कर देते हे तो ऐसी परिस्थितिमे आप न्यायालय को न्याय के लिए गुहार लगा सकते हे।
बच्चेके जन्म प्रमाणपत्रमे क्षति या गलती के सुधार के लिए न्यायालय में आपको सुधार के लिए एक याचिका तैयार करवा के याचिका के साथ सुधारके लिए जरुरी दस्तावेज जोड़कर न्यायालयमें आप याचिका दाखिल कर-करवा सकते हो।
न्यायालय आपकी याचिका और जरुरी दस्तावेज के आधार पर जन्म-मरण अधिकारी को नोटिस जारी करेगा और उनसे बच्चेके जन्मके प्रमाणपत्रमें क्यों सुधार नहीं हो सकता उसका कारण दर्शक जवाब मांगेंगे और सुनिश्चित करेंगे की आपने जिस प्रकारका कानूनी सुधार माँगा हे वो आप पा सकते हो या नहीं।
जन्म-मरण कानून के तहत सेक्शन-१५में जन्म-मरण प्रमाणपत्रमें सुधार करने की सत्ता जन्म-मरण अधिकारी को दी गयी हे।
और जन्म-मरण प्रमाणपत्र में सुधार करने हेतु सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों की हाईकोर्टोने भी समय-समय पर जन्म-मरण अधिकारी को सुधार के निर्देश दिए हे ।
उन दिए गए निर्णयों की यहाँ संक्षिप्तमें बताता हु अमृता विजय वोरा विरुद्ध यूनियन आफ इंडिया में सुनिश्चित किया गया हे की जब किसी बच्चे को एडॉप्ट करके गोद लेने के लिए सभी प्रकारकी कानूनी प्रक्रियाओंका पालन किया गया हो तो बच्चेके पासपोर्ट के अन्दर बच्चे के नए मातापिता का नाम दाखिल करके बच्चेको नया पासपोर्ट तुरंत इस्यु करनेका हुक्म जारी किया गया।
नामदार गुजरात हाईकोर्टने नितबेन नरेशभाई पटेल विरुद्ध स्टेट ऑफ़ गुजरात के केसमे यह सुनिश्चित किया हे की जब कोई व्यक्तिने जन्म-मरण प्रमाणपत्रमे क्षति या गलती सुधार के लिए सभी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया हो तो एप्लीकांट की एप्लीकेशन मंजूर की जा सकती हे इसमें कोई दो राइ नहीं।
इस प्रकार आप अपने बच्चेके जन्म प्रमाणपत्रमे हुई क्षति या फिर गलतिको कानूनी स्वरूपसे सुधार करवा सकते हे और आपके बच्चेके प्रोग्रेस और सरकारी लाभकी प्राप्ति कर सकते हो।
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