Public interest litigation means जनहित याचिका, एक ऐसा माध्यम है, जिसमें मुकदमेबाजी या कानूनी कार्यवाही के द्वारा अल्पसंख्यक या वंचित समूह या व्यक्तियों से जुड़े सार्वजनिक हित के मुद्दों को उठाया जाता है. इसके माध्यम से जनहित के मुद्दों को न्यायिक प्रक्रियासे स्थापित और कार्यवन्तित किया जाता है। पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशन (पी.आई.एल.) में सार्वजनिक हिट का मुद्दा होनोरेबल सुप्रीम कोर्ट और राज्य की हाई कोर्ट डिसाइड करती हे। पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशन (पी.आई.एल.) का कार्यक्षेत्र अति विशाल हे।
१. धार्मिक अथवा मुलभुत अधिकारों का हनन
२. गरीबो के मानव अधिकारों का हनन
३. म्युनिसिपल ाओथोरिटी की संवैधानिक फर्ज पालन
४. सरकारी नीतिया और नीतिओ पर आचरण
५. राष्ट्रीय सम्पदा और पर्यावरण
६.जनहित या समूहहित
पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशन (पी.आई.एल.) व्यक्ति का कोई नुकसान नहीं हुआ हो वो व्यक्ति या संस्था भी दाखिल कर सकता-सकती हे। ऐसी पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशन (पी.आई.एल.) याचिका गुडफेथ और जनहित को केन्द्रमे रखकर करनी चाहिए। अगर पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशन (पी.आई.एल.) याचिका खुद के निजी फायदे, पब्लिसिटी या बदलेकि भावना को पूरा करने के लिए के लिए नहीं की जा सकती। अगर कोई व्यक्ति या संस्थाने अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए या दुरूपयोग करने हेतु या फिर पोलिटिकल बेनिफिट के लिए पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशन (पी.आई.एल.) दाखिल हुई होने का कोर्टको मालूम होता हे तो कोर्ट उनके साथ पूरी सख्ताई से पेश आती हे।
पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन के लेंडमार्क डिसिशन (Public interest litigation)
१. कल्याणेश्वरी विरुद्ध यूनियन आफ इंडिया
२. पी. शेषाद्री विरुद्ध एस. मंगति गोपाल रेड्डी
३. मुंबई कामदार सभा विरुद्ध अब्दुलभाई
४. सुनील बात्रा विरुद्ध दिल्ही एडमिनिस्ट्रेशन
५. म्युनिसिपल काउन्सिल-रतलाम विरुद्ध वरदीचंद
६. हुशैनाराखातून विरुद्ध होम सेक्रेटरी-स्टेट आफ बिहार
७. खत्री विरुद्ध स्टेट आफ बिहार
८. ओल्गा टेलिस विरुद्ध बॉम्बे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन
९. एम.सी.महेता विरुद्ध यूनियन आफ इंडिया
१०. विशाखा विरुद्ध स्टेट आफ राजस्थान
११. कपिला हिंगोरानी विरुद्ध स्टेट आफ बिहार
१२. मेनका गाँधी विरुद्ध यूनियन आफ इंडिया
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